Thursday, September 28, 2023


 फिल्म समीक्षा - फुकरे 3 


🖋️आशुतोष गुप्ता 


हँसते-हँसते टेंशन फ्री

जब देखेंगे फुकरे-3


मनोरंजन के साथ ही गहराते जल संकट पर भी आंख खोलती हुई फिल्म हर आयु वर्ग के दर्शकों को जरूर देखनी चाहिए


स्टारकास्ट :

पंकज त्रिपाठी , ऋचा चड्ढा , पुलकित सम्राट , वरुण शर्मा , मनजोत सिंह और अली फजल


निर्माता :

फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी


निर्देशक / लेखक 

मृगदीप सिंह लांबा / विपुल विग


अवधि: 2 घंटे 30 मिनट  प्रकृति:  सोशल, पॉलिटिक्स एवं फेमिली ड्रामा



वरूण शर्मा की चैंपियनशिप एक्टिंग, पुलकित सम्राट का दमदार डायलॉग, मनजोत सिंह का मजाकिया अंदाज, रिचा चढ्ढा का खतरनाक भोलीपन और सबसे खास बात पंकज त्रिपाठी का जबरदस्त अभिनय के साथ ही और भी बहुत कुछ है उसके लिए अपको अपने नजदीकी थियेटर में जाकर फिल्म देखनी होगी। यकीन मानिये आप बिल्कुल निराश नहीं होंगे बल्कि अपने दूसरे टेंशन भी भूल जायेेंगे। हम थिएटर में फिल्म देखने क्यों जाते हैं ताकि अपना स्ट्रेस दूर कर सकें, हंस सकें, कुछ देर के लिए सब भूल जाएं और एंटरटेन हों. फुकरे 3 आपको ये सब देती है...


वर्तमान में पानी दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। बात पीने के पानी की करें तो यह दिन पर दिन और भी गंभीर होती जा रही है। पानी के संकट से गुजर रहे दुनिया के डेढ़ दर्जन देशों में भारत का नंबर 13वां है। शहरों में बन रहे अंधाधुंध मकानों के चलते बोरिंग का पानी हर साल नीचे होता जा रहा है। पॉश कॉलोनियों में भी आए दिन पानी को लेकर विवाद होते रहते हैं। फिल्म ‘फुकरे 3’ भले ही इस संकट को मजाकिया तरीके से पेश करती हो लेकिन इसे देखने के बाद आप जरूर गंभीरता से इस विषय पर विचार करेंगे। इसके अलावा भी ये फिल्म दर्शकों को हंसाने में तो 

सफल है ही। फिल्म ‘फुकरे 3’ की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां पर ‘फुकरे रिटर्न्स’  की कहानी खत्म हुई थी। फुकरे गिरोह ने जनता स्टोर खोला लेकिन वह स्टोर ठीक से नहीं चलता है। 


स्टोर चलाने वाले फुकरे गैंग चूचा के सपने देखने के पॉवर का इस्तेमाल कर जनता के छोटे-मोटे काम जैसे किसी का कुत्ता या कोई सामान खोने पर ढूंढ़ना या बच्चों की मदद करने का काम पैसे लेकर करते हैं।

भोली पंजाबन (रिचा चढ्ढा) गैंगस्टर से  राजनेता बन गई हैं और चुनाव लड़ रही हैं। जैसे कि आमतौर पर होता ही है, भोली पंजाबन के चुनाव का वित्तीय प्रबंधन एक माफिया करने को राजी होता है क्योंकि उसे इलेक्शन में इनवेस्टमेंट पर मोटा रिटर्न दिखाई देने लगता है। भोली पंजाबन को पंडित जी (पंकज त्रिपाठी) से सबसे ज्यादा आस है। वहीं, चुनाव अभियान के दौरान चूचा (वरूण शर्मा) आम जनता के बीच लोकप्रिय बन जाता है। चूचे का दोस्त हनी (पुलकित सम्राट) उसको रास्ता दिखाता है।


हनी, लाली और पंडित को लगता है कि अगर भोली पंजाबन चुनाव जीत गई तो वह अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर सकती है। इसलिए भोली पंजाबन को हराने के लिए तीनों  चूचा को भी चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी करते हैं। लेकिन, पॉलिटिक्स आसान गेम नहीं है। इसके फंडिंग के लिए चूचा का फुकरे गैंग काफी मशक्कत कर रहा होता है।


भोली को चूचे से खतरा नजर आने लगता है इसलिए एक षडयंत्र के तहत पैसे का लालच दिखा चूचा औरउसके साथियों को दक्षिण अफिका भेज देती है। वहां जाकर चूचा और हनी के एक नये चूमत्कार सॉरी चमत्कार का पता चलता है। होता यह है कि चूचा का यूरीन और हनी का पसीना पानी के साथ मिलकर पेट्रोल बन जाता है। इस नये खोज से उन्हें पैसे कमाने नया जरिया मिल जाता है। यह सब कैसे होता है जानने के लिए आपको थियेटर में जाकर फिल्म देखनी होगी।


एक्टिंग के बारे में...

सही मायने में एक्टिंग के बारे में बात की जाय तो सभी कलाकारों ने यहां अपना बेस्ट परफॉर्मेंस दिया है। एक तरफ वरूण शर्मा को पूरी फिल्म की जान कह सकते हैं तो वहीं दूसरी तरफ पुलकित सम्राट फिल्म का बैक बोन नजर आते हैं। इसके अलावा जिसकी वजह से फिल्म को सेफ माना जा सकता है वह पंकज त्रिपाठी ही हैं। महिला किरदारों में रिचा चढ्ढा का भी कोई जवाब नहीं है। मनजोत सिंह कहीं-कहीं थोड़ा ढीले नजर आते हैं लेकिन उनकी भी एक्टिंग जबरजस्त है। अंत में रिचा चढ्ढा को और स्पेस दिया जा सकता था।


फिल्म का डायरेक्शन और गीत संगीत...

मृगदीप सिंह लांबा ने फिल्म का डायरेक्शन अच्छे से किया है। फर्स्ट हाफ कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता। कॉमेडी यहां बिल्डअप के साथ आती है और इसीलिए असर भी करती है। डेविड धवन मार्का कॉमेडी पर ऋषिकेश मुखर्जी मार्का कॉमेडी का खोल चढ़ाने का स्टाइल लांबा जी ने बिल्कुल अलग अंदाज में पेश किया है और, इसमें उन्हें भरपूर मदद मिलती है विपुल विग की लेखनी से।

कुछ मिलाकर आप एक बहुत ही अच्छी कॉमेडी के साथ ही सोशल मैसेज वाली फिल्म को बहुत दिनों से मिस कर रहे हैं तो फुकरे 3 जरूर देखें।


जागरण जंक्शन रेटिंग : 3.5 स्टार 

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